500 साल का इंतजार खत्म... प्रभु आ रहे हैं, आज विराजेंगे श्रीराम, 10 लाख दीयों से होगा स्वागत
Ram Mandir Ayodhya Pran Pratishtha
Ram Mandir Ayodhya Pran Pratishtha: प्रभु की कृपा भयऊ सब काजु...अर्थात जब प्रभु की कृपा होती है तो सारे काम हो जाते हैं. हिन्दू समाज के 500 वर्षों के तप के बाद आखिरकार सोमवार को प्रभु श्रीरामलला अपने नव्य-भव्य और दिव्य महल में विराजने जा रहे हैं. आज पीएम मोदी और सीएम योगी समेत संत समाज और अति विशिष्ट लोगों की उपस्थिति में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक अनुष्ठान संपन्न होने जा रहा है. अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है. अवधपुरी में उत्सव सा माहौल है. सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या धाम समेत पूरे देश के मंदिरों में राम संकीर्तन और राम चरित मानस का पाठ हो रहा है.
आ रहे हैं सबके श्रीराम
फूलों से सजी अयोध्याजी में जन्मभूमि पथ से लेकर राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ की अलौकिक आभा देखते ही बन रही है. सांस्कृतिक नृत्य और वादन के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर प्रदेश के साथ-साथ देश भर की परंपराओं और कला का समागम हो रहा है. हर तरफ भगवान राम के भजन सुनने को मिल रहे हैं. सोमवार शाम को भव्य दीपोत्सव की तैयारी है. ऐसा लग रहा है मानों रघुनंदन के अभिनंदन के लिए पूरा स्वर्ग ही धरती पर उतर आया है. जनवरी में ही दीपावली का अहसान हो रहा है. शबरी के, केवट के, दमितों और वंचितों के, सबके श्रीराम आ रहे हैं.
प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव के लिए तैयार है अवध
प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर परिसर समेत पूरे अयोध्या धाम को फूलों से सजाया गया है. जन्मभूमि स्थान में अलग-अलग तरह के देशी विदेशी फूलों से सजावट की गई है, जबकि जन्मभूमि पथ, राम पथ, धर्म पथ और लता चौक पर भी सुंदर फूलों की सजावट है. विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच बनाए गए हैं. विभिन्न धर्माचार्यों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर राम कथा का आयोजन हो रहा है तो विभिन्न देशों की रामलीलाओं का मंचन भी किया जा रहा है. लता चौक पर लगी वीणा को भी लाइटिंग और फूलों के अद्भुत संगम से रौशन किया गया है. पूरे अयोध्या धाम में म्यूरल पेंटिंग और वॉल पेंटिंग के माध्यम से भगवान श्रीराम की जीवनी से जुड़े अलग-अलग अध्यायों का चित्रण किया गया है.
दस लाख दीप जलाकर दीपोत्सव मनाने की तैयारी
राम की पैड़ी में सरयू आरती के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लेजर शो धार्मिक अलख जगा रही है. अयोध्या धाम का हर स्थान रौशन है. यही नहीं, अयोध्या आने वाले विभिन्न हाईवे भी फूलों और लाइट से सजाए गए हैं. कुल मिलाकर अयोध्या में स्वर्ग जैसा अहसास हो रहा है. इसके साथ ही सूर्यास्त के बाद अयोध्या में दस लाख दीयों से दीपोत्सव की भी तैयारी की गई है. वहीं पूरे देश और दुनिया में भी दीपोत्सव मनाया जाएगा. पीएम मोदी और सीएम योगी ने सूर्यास्त के बाद देशवासियों से 5 दीप प्रज्ज्वलित करने का आग्रह किया है.
कब, कितने बजे और कितनी देर में हो जाएगी प्राण प्रतिष्ठा, जानिए यहां
अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा की विधि, अभिजीत मुहूर्त में संपन्न की जाएगी. इस ऐतिहासिक अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सीएम योगी एक दिन पहले ही अयोध्या धाम पहुंच चुके हैं. वहीं पीएम मोदी सुबह 10.25 पर अयोध्या धाम के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे. 10:45 पर अयोध्या हैलीपैड पर उनका आगमन होगा.
यहां से वो सीधे राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंचेंगे. इसके बाद 11 बजे से 12 बजे तक वह विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेंगे, जबकि दोपहर 12.05 बजे से 12.55 तक प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा. दोपहर एक बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह समारोह स्थल पर पहुंचेंगे, जहां अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ ही पूरे देश और दुनिया को संबोधित करेंगे. यहां सीएम योगी भी अपना उद्बोधन देंगे.
पीएम मोदी के कार्यक्रम का ये है शेड्यूल
सुबह 10.25 - पीएम मोदी महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे
सुबह 10:45 - अयोध्या हैलीपेड पर होगा आगमन
सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तकः पीएम मोदी मंदिर प्रांगण के विभिन्न अनुष्ठान में होंगे शामिल
दोपहर 12:05 से दोपहर 12:55 तक - प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान होगा.
(इसी बीच शुभ मुहूर्त में होगी श्रीराम विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा)
दोपहर 01:00 बजे - समारोह स्थल पर पहुंचेंगे पीएम मोदी
84 सेकेंड का शुभ मुहूर्त, इसी में होगी प्राण प्रतिष्ठा
आज अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त होगा, जिसमें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसमें से काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने जो मुहूर्त चुना उसे सबसे सटीक मानकर उसे बहुत में रामलला की स्थापना होनी है. शुभ मुहूर्त का यह क्षण 84 सेकंड का मात्र होगा जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा.
121 आचार्यों के मार्गदर्शन में होगी प्राण प्रतिष्ठा
समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं को कराने वाल, मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे. वाराणसी के गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे तथा काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे. इसके अतिरिक्त प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थित रहेंगे.
16 जनवरी से जारी हैं प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान
प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया 16 जनवरी से ही शुरू हो चुकी है. 16 जनवरी को जहां प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन कराया गया था, वहीं 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश हुआ था. 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास के साथ ही श्रीराम लला विग्रह को उनके स्थान पर विराजमान किया गया. 19 जनवरी को औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, 19 जनवरी को धान्याधिवास, 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास और 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास कराया गया.
विविध प्रतिष्ठान होंगे सम्मिलित
प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 8 हजार से ज्यादा लोगों को आमंत्रित किया गया है. इसमें साधु संतों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों को बुलाया गया है. देर रात तक इनमें से कई लोग अयोध्या धाम पहुंच चुके हैं, जबकि बाकी लोग भी 22 को सुबह तड़के पहुंचने वाले हैं. इसके अतिरिक्त भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी. इसके साथ ही, भारत के इतिहास में पहली बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों द्वारा एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग किया जा रहा है.
कार्यक्रम में अनेक परंपराओं को मिलेगा स्थान
प्राण प्रतिष्ठा में विभिन्न परंपराओं के लोगों को भी स्थान दिया गया है. शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएं इसमें भाग लेंगी. गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा.
सुरक्षा चाक चौबंद, यह है व्यवस्था
श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर अयोध्या में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. धाम की सुरक्षा को लेकर इसे दो जोन रेड और यलो में बांटा गया है. एसपीजी, एनएसजी ब्लैक कैट कमांडो, सीआरपीएफ कोबरा, सीआईएसएफ, आरएएफ, एनडीआरएफ को तैनात किया गया है. चप्पे-चप्पे पर यूपी पुलिस के सुरक्षाकर्मी मुस्तैद हैं. घरों की छतों से लेकर अहम लोकेशंस पर स्नाइपर्स की भी तैनाती है. साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ भी गतिविधियों पर नजर रख रही है.
पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 जवानों की अतिरिक्त तैनाती
धाम में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक डीएसपी, लगभग 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षकों को तैनात किया गया है, जबकि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 जवानों को अतिरिक्त तैनात किया गया है. वहीं वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 इंस्पेक्टर के साथ एक हजार से ज्यादा कॉस्टेबल और 4 कंपनी पीएसी को तैनात किया गया है. श्रद्धालुओं को दर्शनीय स्थलों की जानकारी देने के लिए 250 पुलिस गाइड भी उपलब्ध है. योगी सरकार ने धाम की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए आईटीएमएस, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम एवं पब्लिक सीसीटीवी का भी सहारा ले रही है. एआई तकनीक पर आधारित एंटी ड्रोन सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय मोड पर है.
पार्किंग के लिए 51 स्थान चिह्नित
योगी सरकार ने आने वाले मेहमानों के वाहनों की पार्किंग के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए हैं. पार्किंग के लिए 51 स्थानों को चिन्हित किया गया है. इन पार्किंग में करीब 23 हजार वाहनों को पार्क किया जा सकेगा. इतना ही नहीं पार्किंग के लिए किसी को भटकना न पड़े इसके लिए पार्किंग स्थलों को गूगल मैप पर अपलोड किया गया है. वहीं पार्किंग स्थलों को वीवीआईपी, वीआईपी और अन्य मेहमानों के लिए भी रिजर्व किया गया है. इन पार्किंग को वायरलेस और पीए सिस्टम से लैस किया गया है.
आपात स्थिति में मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवा
प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है. सीएमओ डॉ.संजय जैन ने बताया कि विभाग द्वारा आयोजन क्षेत्र के सोलह स्थानों पर श्रीराममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ मिलकर फर्स्ट एड यूनिट बनाई गई है. इस यूनिट में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट व एक वॉर्ड बॉय की मौजूदगी रहेगी. इनके अलावा दो अस्पताल भी बनाए गए हैं, जिसकी क्षमता 10 व 20 बेड की होगी. इसके अलावा 40 एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है. मेडिकल कॉलेज, श्रीराम चिकित्सालय अयोध्या, जिला अस्पताल अयोध्या, महिला जिला अस्पताल व कुमारगंज के चिकित्सालय मे 190 बेड आपातकालीन स्थिति के लिए आरक्षित रखे गए हैं.
VVIP मूवमेंट के लिए किए गए इंतजाम
प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए अयोध्या-लखनऊ, अयोध्या-गोरखपुर, अयोध्या-प्रयागराज और अयोध्या-वाराणसी हाईवे को ग्रीन कॉरिडोर में बदला गया है. स्वयं के हेलिकॉप्टर व प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से आने वाले वीवीआईपी के लिए महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम के साथ-साथ 5 राज्यों के 12 शहरों के एयरपोर्ट्स में पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्रिकेट जगत, फिल्म जगत, संत समाज, राजनीति, कला, साहित्य और संस्कृति समेत अन्य क्षेत्रों के अतिविशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया है. अयोध्या धाम में इन अतिथियों का आगमन शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने आज छुट्टी का ऐलान किया है, जबकि केंद्र सरकार ने दोपहर ढाई बजे तक हाफ डे छुट्टी घोषित की है. वहीं कई अन्य राज्य और प्रतिष्ठानों ने भी यूपी और केंद्र सरकार की तर्ज पर पहल करते हुए छुट्टी की घोषणा की है.
मेवा लड्डू, तुलसी दल, अक्षत-रोली और इलायची दाना... कैसी है प्रसाद की तैयारी
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित अतिथियों को मिलने वाले खास 'प्रसादम' की बात भी खास है. मंदिर ट्रस्ट ने अतिथियों को देने के लिए 15 हजार प्रसाद के पैकेट तैयार करवाए हैं. प्रसाद के पैकेट में मेवे के लड्डू, गुड़ रेवड़ी, रामदाने की चिक्की, अक्षत और रोली भी होगी. अक्षत और रोली की भी विशेष पैकिंग की गई है. प्रसाद के पैकेट में विशेष रूप से भगवान विष्णु को प्रिय 'तुलसी दल' भी होगा. प्रसाद की पैकिंग में भी समारोह की भव्यता की झलक देखने को मिलेगी.
15 हजार प्रसादम के डिब्बे तैयार
ट्रस्ट ने 15 हजार प्रसादम के डिब्बे तैयार करने का ऑर्डर दिया था. ये डिब्बा केसरिया रंग का है. इसमें 'इलायची दाना' भी होगा. इसकी एक वजह ये भी है कि वर्तमान में अस्थाई मंदिर में रामलला के दर्शन करने आने वाले भक्तों को इलायची दाना प्रसाद के रूप में दिया जाता है. इसलिए उसे भी प्रसाद में शामिल किया गया है. इसके अलावा रक्षा सूत्र (कलावा), 'राम दीया' भी डिब्बे में होगा. इसे लोग राम ज्योति जलाने में प्रयोग कर सकते हैं.
प्रसाद के डिब्बे पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोगो के अलावा महाबली हनुमान के धाम हनुमानगढ़ी का लोगो भी है. इस पर चौपाई लिखी है... राम नाम रति, राम गति, राम नाम बिस्वास सुमिरत सुभ मंगल कुसल, दुहुँ दिसि तुलसीदास. इसे लखनऊ के छप्पन भोग ने अपनी तरफ से समर्पित किया है. डिब्बे दो खेप में अयोध्या के कारसेवकपुरम भेज दिए गए हैं.
कुबेर टीले पर बने शिवमंदिर में पूजा करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में श्रीराम विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस दौरान वह मौजूद सभा को संबोधित करेंगे. इसके साथ ही मंदिर परिसर के अंदर कुबेर टीला पर स्थित पुनर्निर्मित शिव मंदिर में पूजा और दर्शन भी करेंगे. इसके साथ ही वह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण से जुड़े श्रमजीवियों से भी संवाद करेंगे. पीएम मोदी आज, 2024 को दोपहर लगभग 12 बजे अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा) समारोह में भाग लेंगे. इससे पहले अक्टूबर, 2023 में, प्रधान मंत्री को श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट से निमंत्रण मिला था.
श्रीराम मंदिर की खास बातें और निर्माण शैली
भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है. इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों द्वारा समर्थित है. मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के जटिल चित्रण प्रदर्शित हैं. भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बाल स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) को रखा गया है. मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहाँ सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है.
मंदिर में पांच मंडप
मंदिर में कुल पांच मंडप (हॉल) हैं - नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप. मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है. मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है. मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है. मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है. जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है. मंदिर परिसर में एक सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र, वाटर ट्रीटमेंट संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है. मंदिर का निर्माण देश की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक से किया गया है.
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